स्वतंत्रता संग्राम के सभी शूरवीर को नमन
रग – रग में है बसी वीरता,
धड़कती धरती भारत की।
बालिदानी को नमन करें आज ,
दिलाई जिसने भारत माँ को आज़ादी।
कितनों ने दी कुर्बानी ,
कितने वीर चढ़े सुली पर।
गोरों से लड़कर छीना है ,
भारत माँ की आज़ादी।
कितने बूढ़े, वो वीर कुंवर से
चने चबा दी अंग्रेजों को ,
कितने ही वो, भगत सिंह से
हँसकर जिसने सुली चुमा।
गाँधी जी के साथ चले और ,
कुछ सुभाष के साथ रहे।
कुछ अहिंसा के मार्ग चले,
कोई दल गरम के साथ लड़े।
स्वाधीनता लक्ष्य आपका नेक अलग तरीका
तिलक किया माओं और कसम दी बहनों ने ,
माँ भारती की जंजीरें तोड़ने पिता ने जब ललकारा,
सदियों की गुलामी से लड़ने तब देशप्रेमी वो आया।
कितने न्योछावर, हुए देश पर
कितनों की गोद हुई सुनी ,
तब जाकर हमने पायी है ,
भारत माँ की आज़ादी ।